Shivraj Singh Chouhan
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10 November 2025 at 06:00 pm IST

भुवनेश्वर, उड़ीसा में आयोजित कृषि संबंधित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री जी के प्रमुख उद्बोधन बिन्दु

Speech Transcript

भुवनेश्वर/उड़ीसा: मान्डिया दिवस श्रीअन्न को प्रमोट करने का सार्थक प्रयत्न है। बातें बहुत राज्यों ने की हैं लेकिन धरती पर उतारने का काम उड़ीसा ने किया है, इसके लिए उड़ीसा की सरकार को बधाई। श्रीअन्न केवल अनाज नहीं है, इसका मतलब है लोगों को खाद्यान्न प्रदान करना। इसका मतलब है रसायन मुक्त खेती, इसका मतलब है पानी बचाना। इंसान का स्वास्थ्य तो ठीक रखना ही साथ ही धरती के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना।

भगवान जगन्नाथ जी को प्रणाम। जगन्नाथ का भात, जगत पसारे हाथ। लेकिन भात किसान उगाता है। हमने कहा है कि सब सुखी हों, सब निरोग हों, सबका मंगल हो, कल्याण हो। शरीर स्वस्थ तब रहता है, जब हम अच्छा भोजन करते हैं। हमारे ऋषियों ने कहा था कि ये शरीर सभी धर्मों के पालन करने का माध्यम है। हमारे ऋषियों ने कहा कि भोजन तीन तरह का करना चाहिए। पहला है वो जो शरीर के लिए हितकारी हो। आजकल फास्टफूड चलता है, वो शरीर के लिए उपयोगी नहीं है। ये हम केवल स्वाद के लिए करते हैं।


शरीर के लिए श्रीअन्न वरदान है। इसमें जितने तरह के पोषक तत्व हैं, वो हमारे वैज्ञानिकों ने प्रूव किए हैं। मिलेट्स के गुण की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। मोदी जी के नेतृत्व में इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स का आयोजन हुआ। हम जैसा भोजन करते हैं, उसका सीधा असर शरीर पर पड़ता है। ग्लूटेन और बाकि चीजें शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। हम केवल खाने से ही अपने शरीर को ठीक कर सकते हैं। मिलेट्स को प्रमोट करने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। लाभ किस में ज्यादा हो, वो किसान की प्रेरणा होती है। फायदा धान में होगा तो किसान वही लगाएगा। अगर उसे मिलेट्स में लाभ मिलेगा, तो वो मिलेट्स की तरफ आएगा।

मैंने निर्देशित किया है कि प्रति हेक्टेयर मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज तैयार करें। उड़ीसा ने 12 क्विंटल के बेरियार को पार कर दिया है। अभी भी गुंजाइश है। ये काम अकेले सरकार नहीं, वैज्ञानिकों का भी है। हम बीज को इंप्रूव कर के कैसे उत्पादन बेहतर करें, इसका टास्क मैंने वैज्ञानिकों को दिया है। मिलेट्स कम संसाधनों में पैदा होता है, इसमें खाद नहीं डालना पड़ती है। अन्य उत्पादों में हेमन बार बार पेस्टिसाइड डालना पड़ता है, इसलिए अगर उत्पादन बढ़े भी तो प्रॉफ़िट कम होता है।

श्रीअन्न की प्रोसेसिंग पर भी ध्यान देना है। बहनों ने श्रीअन्न की प्रोसेसिंग का काम किया है। व्यापक पैमाने पर सॉर्टिंग और ग्रेडिंग की जरूरत है। हम अलग-अलग सेंटर कैसे बढ़ा सकते हैं। मशीन भी छोटी-छोटी आती हैं। पैकिंग भी बहनें कर लें तो किसान को दाम ज्यादा मिलेंगे। उड़ीसा यह काम कर रहा है। एक जागरूकता का व्यापक अभियान चलना जरूरी है। श्रीअन्न की खरीदी की बात आती है तो राज्य सरकार हाथ खड़े कर देती है लेकिन उड़ीसा MSP पर श्रीअन्न को खरीदने वाला इकलौता राज्य है।

आपने श्रीअन्न मिड डे मील में देना शुरू किया। यह बच्चों के लिए लाभकारी है। ये तय कर लिया जाए कि सरकारी आयोजनों में मिलेट्स से बने व्यंजन परोसे जाएंगे। मिलेट्स कैफे मैं दिल्ली में भी खोलने का प्रयास करूंगा। फूड हैबिट्स बदलेंगी तो बच्चों का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। हम जिस तरह पेस्टिसाइड्स का प्रयोग कर रहे हैं, वो धरती का स्वास्थ्य भी बिगाड़ रहा है। आखिर कब तक हम ये कर पाएंगे। एक दिन ये धरती अन्न उत्पादन करना ही बंद कर देगी।

आज मिलेट्स की मांग नेशनल नहीं इंटरनेशनल हो गई है। मिडिल ईस्ट और यूरोपीय देश मिलेट्स की मांग कर रहे हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए अभी और काम होना है। SHG के माध्यम से बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य मोदी जी ने दिया है। 2 करोड़ का लक्ष्य हमने प्राप्त कर लिया है। आज ड्रोन सखी हैं, कृषि सखी, बैंक सखी हैं। आज बहनें किसानों को एजुकेट कर रही हैं। महिलाओं के बिना खेती नहीं हो सकती। बहनें पशुपालन का काम भी करती हैं। ऐसी फार्मर बहनों को प्रणाम। आपके सशक्तीकरण में भारत सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

मेरी बहनों, मिलेट्स को बढ़ावा देना है। हमें इंटीग्रेटेड फ़ार्मिंग की तरफ बढ़ना है। हमारे जोत के आकार काफी छोटे हैं। उड़ीसा में 90% किसान के पास 5 एकड़ से कम जमीन है। इसी को हमें फायदे की खेती बनाना है। इसलिए पशुपालन, बकरीपालन, मधुमक्खीपालन भी अपनाना है। कृषि मंत्री के रुप में मैं कहता हूँ कि भारत सरकार श्रीअन्न को बढ़ावा देने में कोई अक्सर नहीं छोड़ेगी। चाहे बीजों का सवाल हो, चाहे अतिरिक्त आवंटन का सवाल हो, आप जो प्रस्ताव भेजेंगे, भारत सरकार उसे पूरा करेगी।

मैं मान्डिया दिवस पर आपका अभिनंदन करता हूँ। आपने माटी की सेवा की है और जनता की सेवा की है। हमें मिलेट्स को बचा के रखना है, दालों को बचा के रखना है। उड़ीसा ने एक अच्छा प्रयास किया है कि धान काटने के बाद वो वहाँ दलहन की खेती प्रारंभ करेंगे। दलहन मिशन को पूरा करने में इनका अतुलनीय योगदान होगा।

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