Shivraj Singh Chouhan
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29 September 2025 at 06:00 pm IST

बुधनी, जिला सीहोर में GST सुधारों पर व्यापारियों एवं प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी के प्रमुख भाषण बिन्दु

Speech Transcript

भोपाल/बुधनी: भारत आज ऐसा देश नहीं है कि कोई हमें आँखें दिखा दे। आज भारत मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया की आँख में आँख डाल कर बात करता है। एक जमाना था जब हम अमेरिका का पीएल 480 गेहूँ खाने पर मजबूर थे। आज हमारे अन्न के भंडार भरे हुए हैं। भारत स्वदेशी हथियारों की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। स्वदेशी हथियार, स्वदेशी सामान, स्वदेशी सोच हो, इसलिए स्वदेशी अपनाने का आह्वान मोदी जी ने किया है।

स्वदेशी का मतलब वो चीज जो अपने देश में बनती हो। वो चीज जिसमें हमारे देश के लोगों का पसीना लगा हो, हमारे लोगों को रोजगार मिला हो, वो स्वदेशी है। आज दुनिया में कई को भारत की प्रगति पसंद नही आ रही है। हम पर शर्त थोपने की कोशिश की गई कि भारत के बाजार खोल दो, हमारी चीजें आने दो। हमारे प्रधानमंत्री जी ने कह दिया कि हमारे लिए हमारा देश और किसान सर्वोपरि हैं, उनके हित से समझौता नहीं होगा।

भारत ने न रुकना सीखा है और न झुकना सीखा है। 144 करोड़ का देश है अपना, अमरीका की आबादी 30 करोड़ और यूरोप की आबादी 50 करोड़ है। हमें कोई आँख दिखा सकता है क्या? इसलिए हमारे लोगों के हितों की रक्षा करते हुए ही कोई समझौता होगा। कोई देश टैरिफ लगा दे हमें परवाह नहीं है। अगर अपने देश में बनी चीज खरीदने लगे तो दुनिया हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इसलिए मंत्र दिया है स्वदेशी! सब चीज बनती है अपने देश में, जो नहीं बनता, वो भी बनने लगेगा। पहले हम मोबाइल मँगवाते थे, आज एक्सपोर्ट कर रहे हैं।

हमारे बच्चे चमत्कार कर रहे हैं और करेंगे। लेकिन दो चीजें तय करना पड़ेगी। आज देश के लिए मरने के लिए जरूरत नहीं, जीने की जरूरत है। जीने का मतलब, हम तय कर लें कि अपने देश में बना माल ही लेंगे, व्यापारी तय कर लें कि अपने देश में बनी चीज ही बेचेंगे। मेरे एक दोस्त ने मुझे अपने घर में लगा हुआ इंपोर्टेड फ़ानुश, कालीन, घड़ियाँ दिखाईं। 10-20 चीजें गिना दी। मैंने धीरे से पूछा कि कहीं तू भी तो इंपोर्टेड नहीं है?

आज दिवाली के दीया विदेश से क्यों आयें? हमारे धन्नु-पन्ना भी अच्छे दीये बनाते हैं। मोदी जी ने जीएसटी की दरें कम की हैं। 35 एचपी के ट्रैक्टर पर 41 हजार रुपये कम हुए हैं, इन 41 हजार रुपये का उपयोग घर में होगा। लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए यहाँ बुधनी में ट्रेनिंग सेंटर बन रहा है। यहाँ के खिलौने सब जगह जाएंगे। ICAR कोशिश कर रहा है कि दलहन के ज्यादा उत्पादन देने वाले बीज तैयार हों, इसी साल हम दलहन-तिलहन मिशन लॉन्च करेंगे जिससे किसान फिर इस ओर आयें। आज बुधनी में 110 करोड़ के कामों का भूमिपूजन और शिलान्यास होगा। हमारा 750 बिस्तर का मेडिकल कॉलेज बन रहा है, 50 बिस्तर का सिविल अस्पताल तैयार है।

आज व्यापारी का व्यापार इसलिए चलता है क्योंकि यहाँ फैक्ट्रियों ने खरीदने की क्षमता को बढ़ा दिया है। यहाँ नेशनल हाइवे है, रेल लाइन है। अच्छा काम होता है तो प्रशंसा कम होती है, समस्या ज्यादा पैदा होती है। मुझे आजतक कहने नहीं आये कि अच्छा काम हुआ लेकिन ये कहने आ गए कि हमारी जमीन चली गई। ये सोचो कि जमीन की कीमत कितनी बढ़ गई! याद रखना बुधनी वालों, वो दिन दूर नहीं है, भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जल्द ही हम नंबर एक पर होंगे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में महायज्ञ चल रहा है, उसमें व्यापारी बंधु भी अपनी आहुति डालें!

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