नई दिल्ली: आज सबसे पहले पूसा संस्थान की इस पवित्र धरा पर मैं अपनी और आप सभी की और से मैं प्रिय प्रधानमंत्री जी का स्वागत करता हूँ। इस हॉल में आने से पूर्व प्रधानमंत्री जी ने डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक अलग-अलग किसानों के समूहों से चर्चा की।
उन्होंने दलहन उत्पादक किसानों से चर्चा की, पशुपालन और मछलीपालन करने वालों किसानों से चर्चा की, FPO's से चर्चा की, AIF के अन्तर्गत अलग-अलग तरह की संरचनाएं जो फसल उपरांत प्रवंधान के लिए जरूरी है उनके प्रतिनिधियों से चर्चा की।
वो चर्चा इतनी गहरी थी कि प्रधानमंत्री जी की जो चिंता है कृषि और किसानों के लिए वो उससे परिलक्षित होती है। मैं प्रधानमंत्री जी को हृदय से धन्यवाद देता हूँ। प्रधानमंत्री जी इसलिए भी आप सभी की ओर से देश की के किसानों की तरफ से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि अभी-अभी कृषि यंत्रों पर GST की दरों को कम करके किसानों को बड़ी राहत दी है। छोटे ट्रैक्टर पर 23 हजार रुपए बचेंगे। 35 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर पर लगभग 43 हजार रुपए बचेंगे और बड़े ट्रैक्टर पर लगभग 65 हजार रुपए तक बचेंगे। अलग-अलग कृषि के यंत्र सस्ते हुए हैं।
प्रधानमंत्री जी हम आभारी हैं, आपको धन्यवाद देते हैं किसानों का हित आपके लिए सर्वोपरि है इसी मंच से आपने उद्घोषित किया था कि देश के हित सबसे ऊपर हैं और किसानों के हितों से साथ कोई समझौता नहीं होगा। अभी-अभी आपने देखा माननीय प्रधानमंत्री जी नें रबी की फसलों की MSP बढ़ाने का काम किया है। किसानों भाइयों गेहूं पर 160 रुपए प्रति क्विंटल, चने पर सवा 200 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर पर 300 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों पर 250 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम पर 600 रुपए प्रति क्विंटल अभी-अभी प्रधानमंत्री जी ने MSP बढ़ाकर किसानों को उनकी उपज का सही और पूरा दाम देने का फैसला किया है।
माननीय प्रधानमंत्री जी हम किसान आपके इसलिए भी आभारी हैं कि आपने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत अब तक 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाला है। आप एक रुपए डालते हैं तो सीधे एक रुपए किसानों के खाते में पहुंचता है। माननीय प्रधानमंत्री जी मैं किसान भाइयों को एक तथ्य और ध्यान दिलाना चाहता हूँ यूरिया और DAP जिसका इस्तेमाल हम फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए करते हैं पहले की सरकारें लगातार उनकी कीमत बढ़ाती रहती थीं लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बने हैं रेट तय है यूरिया की एक बोरी 266 रुपए में जो लगभग 1,700 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। DAP की एक बोरी 1,350 रुपए में जो 3,100 रुपए की आती है।
किसान भाइयों जरा सोच कर देखो, कंपनियां रेट बढ़ाती हैं वो बढ़े हुए रेट का बोझ किसान के ऊपर नहीं आने देंगे सरकार अपने ऊपर लेने का काम करती है। इसलिए हमें सस्ता यूरिया और DAP उपलब्ध हो रहा है। किसान भाइयों छोटे, लघु, सीमांत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2024-25 में केवल फसलों के जो ऋण लेते हैं 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मिली है।
जब से माननीय प्रधानमंत्री जी आए हैं 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए ब्याज की सब्सिडी के किसानों के खाते में डाला जा चुका है। संस्थागत ऋण बढ़कर 28 लाख करोड़ हो गया है। फसल बीमा योजना के तहत 1 लाख 83 हजार करोड़ किसानों को दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में खाद्यान्न का उत्पादन 40% से ज्यादा बढ़ा है। गेहूं और चावल के भंडार भरे हैं। कृषि की वृद्धि की दर सफलता की कहानी कहती है।
दालों का उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन खपत भी बढ़ी है। बढ़ती खपत के कारण दाल आयात करना पड़ती है। प्रधानमंत्री जी ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया है, इसलिए उनके करकमलों द्वारा दलहन मिशन शुरू किया जा रहा है। कई राज्यों में उत्पादन ज्यादा है, कई में कम है। जो जिले सबसे नीचे हैं, उनकी उत्पादकता देश के एवरेज पर लाना है, उसके ऊपर ले जाना है। 11 विभागों के 36 योजनाओं को मिलाकर पीएम धन धान्य कृषि योजना लॉन्च होगी।
एग्री इंफ्रा फंड के तहत 1 लाख 17 हजार करोड़ की परियोजनाएँ स्वीकृत हुई हैं। ये प्रधानमंत्री जी की दूरदृष्टि है। आज 52 लाख किसान FPOs के शेयर होल्डर हैं, 1,100 FPOs करोड़पति हो चुके हैं। अब हमारे स्टैंडर्ड हैं वैश्विक मानक। दुनिया में जो बेहतर से बेहतर हो रहा है, भारत उसके आगे जाएगा। प्रधानमंत्री जी की इस सोच को मैं प्रणाम करता हूँ।
मैं संकल्प किसानों के साथ लेता हूँ, प्रधानमंत्री जी ने जो योजनाएँ लॉन्च की हैं, उनको सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी अपनाने के संकल्प को भी हम मूर्त रूप प्रदान करेंगे।








