
नई दिल्ली: केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली स्थित एनएएससी कॉम्प्लेक्स के सी. सुब्रमण्यम सभागार में आयोजित ‘वीविंग इंडिया टूगेदर ' राष्ट्रीय संगोष्ठी में सहभागिता की और पूर्वोत्तर के बुनकरों, कारीगरों और प्रतिभागियों से संवाद किया।


केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर पूर्वोत्तर के कारीगरों और बुनकरों के समृद्ध शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने इस कार्यक्रम में बुनाई परंपराओं को बढ़ावा देने, कारीगरों को प्रशिक्षित करने और सामुदायिक शिल्प के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के प्रयासों की भी सराहना की।


इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और डेयर सचिव डॉ. मांगी लाल जाट और आईसीएआर के उपमहानिदेशक, कृषि विस्तार डॉ. राजबीर सिंह भी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम ने कारीगरों को अपने अनुभवों, चुनौतियों और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया और नीति निर्माताओं और अधिकारियों को पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक बाजारों के बीच तालमेल को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। इस संगोष्ठी ने ग्रामीण कारीगरों के समावेशी विकास के जरिए 'वोकल फॉर लोकल' और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को और भी रेखांकित किया।

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