

नई दिल्ली: कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में बताया कि केंद्र की राजग सरकार ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) उनकी उत्पादन लागत से दोगुना तय किया है। उन्होंने कहा कि पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने फसलों की 4 गुना अधिक खरीद की है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक चौहान ने कहा कि यूपीए सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की उस सिफारिश को मानने से इनकार कर दिया था जिसमें उत्पादन लागत पर 50% लाभ जोड़कर एमएसपी तय करने की बात थी। जबकि मोदी सरकार ने 2019 में इसे मंजूरी दी और अब किसानों को लागत पर 50% लाभ के साथ एमएसपी दिया जा रहा है।
कांग्रेस के सांसद मुकुल वासनिक ने पूछा कि किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, तो क्या सरकार इस पर कोई कानून लाएगी? इसके जवाब में चौहान ने कहा कि सरकार लागत कम करने और सही कीमत पर खरीद सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है।
चौहान ने बताया कि 2013–14 में यूपीए सरकार ने धान का एमएसपी 1,310 रुपये रखा था, जबकि मौजूदा सरकार ने इसे 2,369 रुपये कर दिया है। इसी तरह ज्वार (सफेद बाजरा) का एमएसपी 1,500 रुपये से बढ़ाकर 3,699 रुपये कर दिया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि यूपीए के 10 साल के मुकाबले एनडीए सरकार के दौरान फसल खरीद 4 गुना बढ़ी है। सरकार दालों जैसे तूर, मसूर और उड़द की 100% खरीद करने का निर्णय भी ले चुकी है।
सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास ने पूछा कि क्या एमएसपी के तहत फसलों की संख्या बढ़ाने की मांग आई है और क्या कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने इसकी सिफारिश की है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि 22 अनुसूचित फसलों के अलावा सरकार एमआईएस और पीएम-आशा योजनाओं के तहत अन्य फसलों की भी खरीद कर रही है।
ब्रिटास ने केरल से संबंधित 1,206.69 करोड़ रुपये की लंबित राशि पर सवाल उठाया। इस पर चौहान ने कहा कि अगर कोई राशि बकाया है तो सरकार उसका भुगतान करेगी और किसी भी अनियमितता की जांच भी की जाएगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि यूपीए के समय सब्जियों और फलों की खरीद नहीं होती थी, जबकि मौजूदा सरकार ने टमाटर, प्याज, आलू के साथ सेब, अंगूर, लाल मिर्च और अदरक तक एमआईएस के तहत खरीद की है। उन्होंने कहा कि कई फसलों पर सरकार एमएसपी से भी अधिक कीमत दे रही है।
सोर्स: टाइम्स नाऊ, नवभारत
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