Shivraj Singh Chouhan
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4 November 2025 at 09:00 am IST

Exclusive: 'बिहार की जनता पॉलिटिकली बहुत सजग है', शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को बताया 'नॉन-सीरियस'

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Shivraj Singh Chouhan Exclusive: बिहार अगले दो दिन में चुनावी रण में होगा, उससे पहले तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से अपनी-अपनी तैयारियां जांची परखी गई। बिहार के चुनाव को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अमर उजाला ने खास बातचीत की है...पढ़ें मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत के कुछ अंश...


बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोप का दौर अभी भी जारी है। दोनों गठबंधनों (एनडीए और इंडिया) ने कई बड़ी घोषणाएं की है। फिलहाल बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार मंगलवार को खत्म हो गया है। 6 नवंबर को पहले चरण के वोट डाले जाएंगे। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एंटी-इनकंबेंसी, विपक्ष के आरोपों, एनडीए सरकार की योजनाओं और एनडीए के मुख्यमंत्री पद को लेकर उपजे भ्रम और सवालों के जवाब दिए हैं।


  • मंत्री जी, क्या आपको लगता है कि एनडीए के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती, वैसे आप एंटी-इनकंबेंसी को लगातार परास्त करते रहे हैं, क्या बिहार में वैसा आपको दिखाई पड़ता है?


शिवराज सिंह चौहान- बिहार में विकास बोल रहा है। देखिए तीन चीजें इस बिहार में आज चुनाव में मुद्दा है- विकास, जन कल्याण और सुशासन। आज अगर आप देखेंगे तो चारों तरफ विकास दिखाई दे रहा है लोगों का। काम गिनाने का समय नहीं है हम लोगों के पास। जन कल्याण की जो भी योजनाएं बनी हैं, जैसे महिला सशक्तिकरण ही एक ले लीजिए आप। लखपति दीदी बनाने का अभियान यहां चल रहा है। हमारी जीविका बहनें, उनकी जिंदगी बदली है एनडीए की सरकार ने और अब रोजगार के लिए उनके खाते में 10,000 रुपया, 1 करोड़ 21 लाख बहनों के खाते में पहुंच गए, 2 लाख तक जाएंगे जो रोजगार करना चाहेगी। ये किया गया है। मैं एक-एक चीज नहीं गिनाऊंगा। चाहे युवा हो, रोजगार का सवाल हो, किसान हो। अब मैं तो कृषि मंत्री हूं, कई बार बिहार आया हूं। मखाना बोर्ड का गठन करके सुपरफूड मखाना को कैसे विश्वव्यापी बनाया जाए ताकि रोजगार भी मिले और किसान की आय भी बढ़े। तो ये जो काम हैं, ये काम इस समय बोल रहे हैं। और इसके उलट आप दूसरा दृश्य देखिए। जब तक लालू राज था, लोग भय में जीते थे। आतंक, भय, हत्याएं, लूटमार, दुष्कर्म। अपहरण उद्योग था, मुख्यमंत्री के निवास पर फैसले होते थे कौन कब छूट के आएगा। तब भय था, आज भरोसा है लोगों को एनडीए सरकार पर। तब भ्रष्टाचार था, आज नवाचार है। तब करप्शन था, आज इनोवेशन है। तब जंगल राज था, आज सुशासन है। तब बिहार की पहचान उन्होंने क्राइम की बना दी थी, आज बिहार प्राइम स्टेट है। तो यह बदला हुआ जो माहौल है सुशासन के कारण, उसके कारण जनता ने फैसला किया है कि हम एनडीए ही वापस लाएंगे।


  • मंत्री जी आपने मखाना का नाम लिया, सुपरफूड और तमाम चीजें, लेकिन राहुल गांधी वहां पर किसानों के बीच में गए थे। वे कह रहे हैं कि ऐसा कुछ हुआ नहीं है, इस पर आप क्या कहना है?


शिवराज सिंह चौहान- पहले तो वो यह बताएं कि जब 15 वर्षों तक महागठबंधन की सरकारें थीं, तब मखाना और किसान के लिए किया क्या उन्होंने? मैं स्वयं कृषि मंत्री के रूप में दरभंगा गया था। सम्राट चौधरी भी साथ थे। हम लोगों ने मखाना बोर्ड बनाने के पहले, मखाने की बेल लगाई भी थी और मखाने के किसानों की पंचायत की थी, केवल किसानों की नहीं, मखाना उद्योग में लगे बाकी लोग जो प्रोसेसिंग के काम में लगे और उनके सुझाव के आधार पर मखाना बोर्ड बना। अब आज कहें कुछ हुआ नहीं, पहले तो कुछ हुआ ही नहीं था। आज बोर्ड बना और अब कार्रवाई जारी है, काम हो रहा है तेजी से। तो जिसके दिमाग में सोच होती है लोगों की जिंदगी बदलने के लिए, वो कदम उठाता है। राहुल गांधी जानते हैं कि चुनाव जीतना तो है नहीं। इसलिए पोखर में उतरो, मछली मारो, जलेबी तलो। पहले वो भजिया तलने का बड़ा विरोध करते थे, आजकल जलेबी तल रहे हैं खुद। तो वो तो नॉन-सीरियस लगते हैं। बिहार की जनता पॉलिटिकली बहुत सजग है, बहुत जागरूक है और वो इन नाटकों को समझती है।


  • मंत्री जी, आप देश में 'मामा' के रूप में विख्यात हैं। बहनों के लिए, लड़कियों के लिए जो चीजें आपने कई योजनाएं शुरू की है। नीतीश कुमार ने भी ऐसे ही कुछ कदम उठाए हैं। लेकिन ये सवाल ये है कि चुनाव के समय में ही ये योजनाएं क्यों याद आती हैं? और चुनाव के बाद इन योजनाओं के लिए पैसा कहां से आएगा?


शिवराज सिंह चौहान- देखिए एनडीए कभी भी ऐसी घोषणा नहीं करता जो पूरी ना की जा सके। आप मध्य प्रदेश का उदाहरण ले लीजिए, कभी कैपिटल एक्सपेंडिचर मैंने कम नहीं होने दिया, कैपिटल एक्सपेंडिचर हमेशा बढ़ाया। सड़कें, बिजली, पानी, सिंचाई, जल जीवन मिशन, सारे काम, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी से लेकर सारे विकास के काम चलते रहे, वो करते हुए हमने बहनों के खाते में पैसा डाला, लाडली बहना योजना का। और कुल मिलाकर मेरे 4 लाख करोड़ के बजट में से हम 16 हजार करोड़ रुपया बहनों को देते हैं। क्या आधी आबादी को इतना हक नहीं है कि लाखों करोड़ के आपके बजट में से 15-20 हजार करोड़ रुपया उनके लिए निकाले जा सकें? क्या उनको जीने का हक और मुस्कुराने का अधिकार नहीं है? और यह केवल चुनाव के समय नहीं, आप चाहे बिहार देखें, चाहे मध्य प्रदेश देखें, मैंने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई थी 2006 में, जब बेटियों के सशक्तिकरण के लिए। 50% रिजर्वेशन हम लोगों ने दिया था 2007 में बहनों को ताकि राजनीतिक सशक्तिकरण उनका हो, यहां भी नीतीश बाबू ने भी किया। यहां भी बहनों के कल्याण की अनेकों योजनाएं बनीं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह जैसी योजनाएं, लाडली बहना तो बहुत बाद में आई है। तो एक श्रृंखला है। देखो विश्वास तब पैदा होता है जब आप लगातार काम करके लोगों के दिल में यह स्थान बनाते हैं कि सच में आप उनका कल्याण चाहते हैं। केवल चुनाव के समय आने से नहीं होता, ये बात सच है, लेकिन चुनाव के पहले भी तो कई चीजें की हैं।


  • मंत्री जी, यहां पर नीतीश कुमार के फिर से मुख्यमंत्री पद को लेकर भ्रम है, लोगों को लगता है कि अब वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे? लेकिन आप लोगों का कहना है कि उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है... ये कंफ्यूजन कैसे दूर करेंगे?


शिवराज सिंह चौहान - कहीं कोई कंफ्यूजन नहीं है। भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व भी और एनडीए भी, यह तय कर चुका है, कह चुका है कि नीतीश बाबू ही हमारे चेहरा हैं।


सोर्स- अमर उजाला

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